विधानसभा बैकडोर भर्ती में आया नया मोड़, परीक्षा एजेंसी पर सवाल

देहरादून : 32 पदों के लिए उत्तराखंड विधानसभा में कराई गई भर्ती के लिए चयनित परीक्षा एजेंसी के चयन में भारी गड़बड़ी सामने आई है। विधानसभा सचिवालय ने उस दागी एजेंसी को पेपर कराने का ठेका दे दिया जिसका टेंडर में चयन हुआ ही नहीं था। विधानसभा में भर्तियों की जांच के लिए बनी विशेषज्ञ समिति ने इस संदर्भ में विस अध्यक्ष को अलग से रिपोर्ट सौंपी है।
रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा में 32 पदों को भरने के लिए जिस RMS टैक्नो सोल्यूशन कंपनी का कोटेशन के जरिए चयन किया गया। वह कोटेशन की प्रक्रिया में नम्बर दो पर थी। जबकि सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी टेंडर या कोटेशन में कार्य आवंटन उस कंपनी या फर्म को किया जाता है जो सबसे कम रेट कोट करती है।
ऐसे में जांच समिति ने कंपनी के चयन पर सवाल उठाए हैं। विदित है कि समिति ने कंपनी को कार्य आवंटन के कुछ ही दिन में हुए 59 लाख के भुगतान को भी संदिग्ध पाया था।
विधानसभा की जांच समिति को जब 32 पदों पर भर्ती के मामले में खोट नजर आया तो समिति की ओर से निलम्बित सचिव को बयान के लिए बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार निलम्बित सचिव उस दौरान कई सवालों का जबाव नहीं दे पाए। यही नहीं कई दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करा पाए। हैरानी की बात तो यह है कि परीक्षा कराने वाली फर्म के चयन के लिए गठित चयन समिति में जो सदस्य दिखाए गए उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। इन सभी बातों के सामने आने के बाद जांच समिति ने इस संदर्भ में अलग से एक जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी है।

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